लोगों ने घर में मनाई रामनवमी, किसी ने पीएम फंड में दिया दान, किसी ने की गाय पूजा

 


लोगों ने घर में मनाई रामनवमी, किसी ने पीएम फंड में दिया दान, किसी ने की गाय पूजा



सार


-पहली बार ऐसा हुआ है कि नवमी को भक्त कन्या पूजन नहीं कर पाए
-आदिशक्ति मां दुर्गा जल्द दूर करेंगी समाज से कोरोना वायरस का भय

 

विस्तार


आज रामनवमी है, जिस दिन भगवान राम का जन्मोत्सव मनाया जाता है। हर साल इस दिन मंदिरों में बड़ा आयोजन होता है और जगह-जगह भंडारे लगते हैं। लेकिन इस बार कोरोना वायरस के चलते लगे लॉकडाउन के कारण सभी अपने घरों में रामनवमी मना रहे हैं। जानिए दिल्ली-एनसीआर के विभिन्न हिस्सों में लोगों ने कैसे मनाई रामनवमी और कैसे किया नवरात्र के व्रत का समापन....

 

गौ पूजन और गरीब बच्चों को खाना देकर किया नवरात्र का अन्न पारण, घर में की रामनवमी की पूजा
कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए इस साल नवरात्र का व्रत रखने वाले ज्यादातर भक्तों ने नौ कन्याओं के बजाय गौ पूजन किया। गौ को भोजन कराया, आस पास की झुग्गियों में रहने वाले गरीब बच्चों को भोजन कराया। इसके बाद अन्न पारण कर अपना नौ दिन का व्रत पूरा किया।

ऐसा पहली बार हुआ है जब नवरात्रि का व्रत रखने वाले भक्तों ने नवमी को कन्या पूजन नहीं किया है। जबकि मान्यता अनुसार नवमी को नौ कन्याओं को नौ देवियों का रूप मानकर लोग उनका मनुहार करते हैं।

दक्षिणी दिल्ली के समालखा में रहने वाली दीपिका ने नौ दिन का व्रत रखा था। उन्होंने नवमी को परिवार के साथ  घर में ही हवन किया। उन्होंने घर के पास की झुग्गियों में रहने वाले गरीब बच्चों को सुबह खीर, पूड़ी और छोले बांटे। उन्होंने कहा कि वह दशमी को अन्न पारणा कर अपना व्रत पूरा करेंगी।

मयूर विहार फेज-1 की निवासी शेफाली मिश्रा ने बताया कि उन्होंने सुबह गायों का पूजन किया, गायों को भोजन कराया। मयूर विहार स्थित मंदिर के पुजारी पंडित श्याम शंकर शुक्ल ने कहा कि इस साल नवरात्रि का व्रत पूरे नौ दिन का है।

अन्न पारण दशमी तिथि यानि कि 3 मार्च को है। इसके अलावा बड़ी संख्या में लोग नवमी को भी आदिशक्ति मां जगदम्बे की पूजा और हवन करने के बाद अन्न पारण कर सकते हैं। इससे भी नौ दिनों का नवरात्रि व्रत सफल हो जाएगा।

उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के खतरे को ध्यान में रखते हुए लोगों ने कन्याओं को अपने घर पर आमंत्रित नहीं किया, लेकिन भक्तों को इस बात का मलाल अवश्य होगा। उन्हें विश्वास है कि देवी मां भक्तों का दर्द समझ रही हैं, जल्द ही आदिशक्ति के प्रभाव से समाज में फैला रोग दोष समाप्त होगा।